तिरंगे ने बचाई पाकिस्तानी और तुर्की के छात्रों की जान, जानिए कैसे तय किया यूक्रेन बोर्डर तक का सफर

तिरंगे ने बचाई पाकिस्तानी और तुर्की के छात्रों की जान, जानिए कैसे तय किया यूक्रेन बोर्डर तक का सफर

लखनऊ। संयोगिता अग्रहरि

यूक्रेन-रूस जंग के बीच बुधवार को मीडिया में कुछ ऐसी खबरों आई जिन्होंने हर भारतीय का सिर दुनिया में गर्व से ऊंचा कर दिया. यूक्रेन से रोमानिया के बुखारेस्ट पहुंचे कुछ पाकिस्तानी और तुर्की देशों के छात्रों ने बताया कि उन्होंने यूक्रेन की सीमा तक पहुंचने के लिए तिरंगे  का इस्तेमाल किया था. सिर्फ इसलिए वह जिंदा बच पाए.

दक्षिण यूक्रेन के ओडेसा मेडिकल कॉलेज के एक छात्र ने समाचार एजेंसी से बात, ' हमें यह आदेश मिला था कि यदि आप भारतीय हैं या आपके पास भारतीय ध्वज है तो आपको कोई परेशानी नहीं होगी. यह खबर सुनते ही हमने बाज़ार से कुछ कपड़ों और स्प्रे का इंतजाम करके भारत का झंडा बनाया. हमारी ही तरह तुर्की ओर पाकिस्तानी छात्रों ने भी कुछ इसी तरह झंडे की मदद से यूक्रेन के बोर्डर को पार करने के काफी मददगार साबित हुई.

ऐसे तय किया मोल्डोवा बॉर्डर तक का सफरः छात्रों ने कहा, 'हमने ओडेसा से एक बस बुक की और मोल्डोवा बॉर्डर तक पहुंचे. मोल्डोवा के नागरिक बहुत अच्छे थे. उन्होंने हमारी बहुत सहायता की. हमें फ्री में रहने के लिए जगह उपलब्ध कराई. टैक्सी व बसों का इंतजाम किया. जिससे हम रोमानिया पहुंचे. भारतीय स्टूडेंट्स ने बताया कि उन्हें मोल्डोवा में ज्यादा समस्या नहीं हुई क्योंकि भारतीय दूतावास ने पहले से ही व्यवस्था कर रखी थी.

स्टूडेंट्स भारतीय एंबेसी को आभार प्रकट करते बताया कि  भारतीय दूतावास द्वारा छात्रों के लिए अच्छे खान पान और रहने का इंतजाम किया गया था. स्टूडेंट ने कहा, 'जब कोई भारतीय यहां पहुंचता है तो उसे रहने के लिए जगह और खाना दिया जाता है. रजिस्ट्रेशन होता है और डेट फाइनल की जाती है कि उन्हें कब भारत वापस ले जाया जाएगा.

यह है भारत सरकार का ऑपरेशन गंगाः केन्द्र सरकार की तरफ से यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को देश वापस लाने के लिए ऑपरेशन गंगा (operation ganga) चलाया जा रहा है. इस मुहिम के चलते हजारों छात्रों को उनके घर सुरक्षित रूप से लाया गया. वहीं, कई अन्य को वतन लाने की कोशिशों में भारतीय सरकार जुटी है.